International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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Re-discussion of Nature-man Relationship in Biological and Ecological Imbalance

Author(s) Dr. Veena Upaghaya, Nishant Upadhyay
Country India
Abstract विज्ञान मनुष्य की सुविधा के लिए है, प्रकृति के विरुद्ध मनुष्य का हथियार नहीं। प्रकृति से संघर्ष और प्रकृति पर अधिकार का दावा, मनुष्य को छोड़ना ही होगा। अन्यथा इस अखिल ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जिस पर जैवमंडल है अर्थात जिंदगी की धड़कनें सुनाई देती हैं अन्यत्र कहीं नहीं। किसी भी ग्रह पर जीवन की किसी भी संभावना की तलाश नहीं हो पाई है यदि हम अब भी न संभले समस्त जैव प्रजातियां काल कवलित हो जाएंगी। अतः जीव रक्षा के लिए, मानवता और मानव मात्र की रक्षा के लिए अंततः अपने स्व में अवस्थित होकर अपने स्वस्थ शरीर की रक्षा के लिए, हमें अपने जीवन पद्धति और विकास के पैमानों को बदलना ही होगा।
Keywords प्रकृति में हस्तक्षेप जैव-विविधता एवं पारिस्थितिकी संतुलन पर संकट।
Published In Volume 5, Issue 6, November-December 2023
Published On 2023-12-31
Cite This Re-discussion of Nature-man Relationship in Biological and Ecological Imbalance - Dr. Veena Upaghaya, Nishant Upadhyay - IJFMR Volume 5, Issue 6, November-December 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i06.11373
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i06.11373
Short DOI https://doi.org/gtbtdx

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