International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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बिहार राज्य के माध्यमिक स्तर पर समायोजन एवं शैक्षिक उपलब्धि के सम्बन्ध में अभिभावक-छात्र सम्बन्धों का एक अध्ययन। (A Study of the Relationship Between Adjustment and Educational Achievement at Secondary Level in Bihar State)

Author(s) SAROJ KUMAR, NEERU VERMA, SANJAY KUMAR
Country India
Abstract प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक गिन्सवर्ग का कथन है कि सभ्यता और सुसंस्कारिता के अन्तर को समझा जाना चाहिए। सभ्यता नागरिक कर्तव्यों के परिपालन तथा व्यवहार में शिष्टाचार बरतने भर से पूरी हो जाती है किन्तु संस्कृति अपनाने पर मनुष्य के दृष्टिकोण, चरित्र एवं लक्ष्य में आदर्शवादिता का ऐसा समावेश करना पड़ता है, जिसे उसे अपने को गौरवान्वित अनुभव करने तथा दूसरे के लिए अनुकरणीय प्रस्तुत कर सकने का अवसर मिल सके। सुसंस्कृत परिवारों के बीच बालकों के व्यक्तित्व के विकास की बहुत कुछ सम्भावना रहती है। बालक जो देखते हैं वही सीखते-समझते हैं और वैसा ही अनुकरण करने लगते हैं। इस बात कीे पुिष्ट करते हुए प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक गिन्सवर्ग ने अपनी पुस्तक ’’साइकोलाजी ऑफ सोसाइटी’’ में व्यक्ति और समाज की सबसे बड़ी विशिष्टता एक ही बताई है कि ’’सुसंस्कारिता का वातावरण बने, परम्परा निभे और उसको हर सदस्य अनुकरणीय अभिनन्दनीय कहलाने का श्रेय प्राप्त करे।’’ यह माना जाता है कि बालक कोरे कागज की तरह होते है उसको जाने या अनजाने में अभिभावक बहुत कुछ सीखा देते है। आधुनिक अभिभावक-बाल कानून माता-पिता और अपरिपक्व बच्चों के बीच संबंधों का नियंत्रित करते हैं। बालकों से घर की शोभा बढ़ जाती है, चहल-पहल रहती है और मन प्रसन्न रहता हैं। अभिभावकों की एक अपेक्षा रहती है कि बालक बडें़ होने पर वे परिवार के लिए सहायक सिद्ध होंगे तथा समाज व परिवार में श्रेय-सम्मान भी मिलेगा। यदि बालक का व्यक्तित्व अवांछनीय स्तर का हो जाए तो स्थिति दुखद एवं सामाजिक विकास नही करने वाली होगी ।
Keywords माध्यमिक विद्यालय स्तर पर समायोजन एवं अभिभावक-छात्र सम्बन्ध।
Published In Volume 6, Issue 1, January-February 2024
Published On 2024-01-11
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i01.11883
Short DOI https://doi.org/gtdr44

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