International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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बस्तर के आदिवासी संघर्ष का यथार्थ संदर्भः राजीव रंजन प्रसाद कृत उपन्यास ‘आमचो बस्तर’

Author(s) रमेश कुमार
Country India
Abstract वर्तमान युग की संचार क्रांति ने पूरे विश्व को एक गांव के रूप में बदल दिया है। हर रोज नए-नए परिवर्तन हो रहे हैं जिनका जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। जीवन शैली दृष्टिकोण, चिंतन, संस्कृति में तेजी से बदलाव आया है। अप्रत्यक्ष रूप से यह नवीन जागृति का दौर है, व्यक्तिवादिता का दौर है। तेजी से बदलते समय में कुछ मानव समूह ऐसे है जो इन परिवर्तनों से दूर पहाड़ों, जंगलों में प्राचीन ढंग समय भी से रह रहे हैं। परिवर्तनों की, विकास की बयार उन तक वहीं पहुँच सकी है। यदि पहुँची है तो विनाश की नींव बनाकर यह समूह है आदिवासी जन का।
Keywords बस्तर, आमचो बस्तर
Field Sociology
Published In Volume 4, Issue 6, November-December 2022
Published On 2022-12-21
Cite This बस्तर के आदिवासी संघर्ष का यथार्थ संदर्भः राजीव रंजन प्रसाद कृत उपन्यास ‘आमचो बस्तर’ - रमेश कुमार - IJFMR Volume 4, Issue 6, November-December 2022. DOI 10.36948/ijfmr.2022.v04i06.1205
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2022.v04i06.1205
Short DOI https://doi.org/grh2v8

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