International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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धार्मिक क्रियाओं में संलग्न तथा असंलग्न, सरकारी व निजी सेवाओं से सेवानिवृत्त बुजुर्गों के मानसिक अवस्था का तुलनात्मक अध्ययन

Author(s) Ajay Kumar Chaudhary, Laxmi Kumawat
Country India
Abstract बुजुर्ग होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया हैं। वृद्धावस्था में शारीरिक व मानसिक क्षमता में कमी आती है। साथ ही कार्यात्मक हानि को भी देखा जा सकता हैं। इन्हें देखभाल और सहायता की आवश्यकता होती हैं। कुछ बुजुर्ग सेवानिवृत्ति के बाद अपने आप को व्यस्त रखने के लिए धार्मिक क्रियाओं में संलग्न रहते हैं। प्रस्तुत शोध पत्र धार्मिक क्रियाओं में संलग्नता, असंलग्नता का बुजुर्गों के मानसिक अवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करता हैं। अध्ययन हेतु उदयपुर शहर के 120 सरकारी व निजी सेवाओं से सेवानिवृत्त बुजुर्गों को यादृच्छिक आधार पर न्यादर्श के रूप में चयनित किया गया। जो धार्मिक क्रियाओं में संलग्न तथा असंलग्न रहते हैं। धार्मिक क्रियाओं में संलग्नता का तात्पर्य कम से कम 2 घंटे की संलग्नता। मानसिक अवस्था के अध्ययन हेतु Cattell तथा Curran द्वारा 1973 में निर्मित 8 SQ (Eight State Questionnaire) का उपयोग किया गया। जिसका हिन्दी रूपान्तरण श्री मलय कपूर तथा डॉ. महेश भार्गव द्वारा 1990 में किया गया था। अध्ययन के परिणाम यह बताते हैं, कि धार्मिक क्रियाओं में संलग्न रहने वाले बुजुर्गों की मानसिक अवस्था धार्मिक क्रियाओं में असंलग्न रहने वाले बुजुर्गों की तुलना में अच्छी होती हैं।
Keywords मानसिक अवस्था, धार्मिक संलग्नता, दुश्चिंता, तनाव, अवसाद, प्रतिपगमन, थकान, अपराधबोध, बहिर्मुखता, तत्परता
Published In Volume 6, Issue 1, January-February 2024
Published On 2024-02-13
Cite This धार्मिक क्रियाओं में संलग्न तथा असंलग्न, सरकारी व निजी सेवाओं से सेवानिवृत्त बुजुर्गों के मानसिक अवस्था का तुलनात्मक अध्ययन - Ajay Kumar Chaudhary, Laxmi Kumawat - IJFMR Volume 6, Issue 1, January-February 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i01.13351
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i01.13351
Short DOI https://doi.org/gthqm5

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