International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति और प्रारंभिक शिक्षा नीति की प्रासंगिकता

Author(s) अविनाश कुमार
Country India
Abstract यह संपूर्ण भारत की शिक्षा नीति हैं। जिसे भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया। सन् 1986 में जारी हुई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन हैं। यह नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के0 कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति के रिपोर्ट पर आधारित हैं। यह स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति हैं। जिसमें शिक्षा को पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने, एक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना, वैश्विक मंच पर सामाजिक न्याय और समानता, वैज्ञानिक उन्नति, राष्ट्रीय एकीकरण और सांस्कृतिक संरक्षण के संदर्भ में भारत की सतत् प्रगति और आर्थिक विकास की कुंजी हैं। जिसमें शिक्षा वह माध्यम है जिससे देश का विकास हो सके। इस नई नीति में मानव संसाधन मंत्रालय के नाम को बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखा गया। इसमें समस्त उच्च शिक्षा के लिए एक एकल निकाय के रुप में भारत में उच्च शिक्षा आयोग के गठन करने का प्रावधान किया गया। साथ ही शिक्षा तंत्र पर सकल घरेलू उत्पाद का कुल 6 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया। अभी वर्तमान में शिक्षा तंत्र पर घरेलू उत्पाद का लक्ष्य 4.43 प्रतिशत हैं।
Published In Volume 6, Issue 1, January-February 2024
Published On 2024-02-17
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i01.13774
Short DOI https://doi.org/gtjtvz

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