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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास केअनसुलझे मुद्दे: लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनौती

Author(s) Rajkumar Goyal
Country India
Abstract महात्मा गांधी का मानना था कि भारत के पूर्ण स्वराज का रास्ता ग्राम स्वराज से होकर ही निकल सकता है। उन्होंने एक बार कहा था कि-वास्तविकता यह है कि ग्रामीण भारतीयों को कोई उम्मीद ही नहीं है। वे हर अंजान व्यक्ति पर संदेह करते हैं कि उसका हाथ उन लोगों गले तक पहुंचेगा और जो कोई भी आता है, वह उनका शोषण करने ही आता है। बुद्धिवादियों और श्रमिकों के बीच अलगाव हो गया है जिससे खेती अव्यवस्थित और कमजोर सी हो चुकी है। प्रत्येक सक्रिय कार्यकर्ता को गांवों में प्यार और इस सोच के साथ जाना चाहिए, यह सोचकर कि वहां खेतिहर मजदूर स्त्री-पुरुष पूरे साल रोज़गार में नहीं रहते। वहां पूरे साल काम करने और श्रमशक्ति तथा बुद्धि को इकट्ठा करके काम करने से ही उनका विश्वास जीता जा सकता है। इसलिए भारत में ग्रामीण क्षेत्र के सतत विकास के लिए बुद्धि व श्रम को एक साथ लाना आवश्यक है।मैंने इस आलेख में इन सब पर प्रकाश डालते हुए भारत के ग्रामीण विकास की प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित किया है और गांधीवादी तरीके से उनके निवारण के उपायों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।
Keywords ग्राम स्वराज,आर्थिक विकास, ग्रामीण विकास, योजनाएं, महिला किसान, जलवायु परिवर्तन गांधीवादी पथ।
Field Sociology > Politics
Published In Volume 1, Issue 2, September-October 2019
Published On 2019-10-31
Cite This भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास केअनसुलझे मुद्दे: लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनौती - Rajkumar Goyal - IJFMR Volume 1, Issue 2, September-October 2019.

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