International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज सुधारक एवं सामाजिक चिंतक का भारतीय लोकतंत्र में योगदान

Author(s) DILEEP KUMAR
Country India
Abstract अंबेडकर ने जीवन भर जातिवाद के उन्मूलन के लिए प्रयास किये है। उन्होंने समाज में समानता व स्वतंत्रता के लिए प्रयास किऐ है। अंबेडकर ने निम्न जाति के उत्थान के लिए कांग्रेस में महात्मा गाँधी से मतभेद उत्पन्न हो गये थे। जून 1845 में अंबेडकर ने कांग्रेस और गाँधीजी नामक लेख में दलितों के दृष्टिकोण से गाँधीजी की कटु आलोचन की थी। सन् 1946 में अंबेडकर ने अपनी पुस्तक शुद्र कौन है प्रकाषित की थी। सत्यषोधक समाज के माध्यक से निम्नवर्ग को उच्च वर्ग द्वारा उन पर किये गऐ शोषण के प्रति जागरूक किया। कानून मंत्री के रूप में उनका सबसे बड़ा कार्य हिंदु कोड बिल था। इस कानून का उद्वेय हिंदुओ के सामाजिक जीवन में सुधार लाना था। स्त्रियों के लिए तलाक व्यवस्था में सुधार और संपŸिा मे सुधार करके हिस्सा प्रदान करना था। अंबेडकर अपने जीवन में महात्माबुद्ध , कबीर व ज्योतिबाफूले के विचारों से प्रभावित थे। अंबेडकर की कोलंबिया विष्वविद्ययालय में भारत के अंदर समाज में मानवधिकारों के लिए किए गऐ संघर्षो व सुधारों की सराहना की गई थी ।
Keywords सामाजिक व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था, अस्पृष्यता, जाति प्रथा, षिक्षा, दलित।.
Field Arts
Published In Volume 6, Issue 2, March-April 2024
Published On 2024-03-10

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