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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में कृषि संकट - चुनौतियाँ, कारण, और समाधान

Author(s) JAY BAHADUR UTTAM
Country India
Abstract सार संक्षेप
भारत का कृषि संकट एक बहुपक्षीय मुद्दा है। कृषि संकट के मुख्य कारकों में किसानों की आय में कमी, टुकड़े-टुकड़े भूमि, अस्थिर मौसम के प्रारूप और प्रौद्योगिकी की पर्याप्त पहुंच की कमी शामिल है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक असमानता किसानों के संकट की अधिकता को बढ़ाती है, जिससे किसानों की असमर्थता बढ़ती है और किसानों की आत्महत्या की घटनाएं होती हैं। इसके अलावा नीति की अपर्याप्तताएं और भारतीय कृषि परिदृश्य को व्यापक सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों जैसे कि उद्योगीकरण और शहरीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ प्रभावित होना भी इस संकट के बढ़ने में योगदान करता है। भारत के कृषि संकट का समाधान करने के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। सर्वप्रथम नीति सुधार आवश्यक है ताकि किसानों को उचित प्रतिपूर्ति, क्रेडिट तक पहुंच, और पर्यावरणीय कृषि प्रथाओं को प्रोत्साहित किया जा सके। इसके अलावा, ग्रामीण बुनियादी संरचना, सिंचाई सुविधाओं, और प्रौद्योगिकी के अवलोकन में निवेश कृषि उत्पादकता और जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता को मजबूत कर सकता है। इसके अतिरिक्त, बेहतर सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि परेशान किसानों को संबल प्राप्त हो सके, आत्महत्या की घटनाओं को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त किसान सहकारी संघों को सशक्त बनाने और उन्हें मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल करने से बाजार पहुंच और विमर्श शक्ति को मजबूत किया जा सकता है। भारत के कृषि संकट की उलझन को समझने के लिए एक समग्र रणनीति की आवश्यकता है जो वर्तमान चुनौतियों और मौलिक समस्याओं दोनों का समाधान करे। कृषि समृद्धि के लिए एक उत्तरदायी वातावरण को बढ़ावा देकर भारत सतत् एवं समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
Keywords शब्द कुंजी - कृषि संकट, ग्रामीण विकास, नीति सुधार, आर्थिक स्थायित्व, कृषि उत्पादकता आदि।
Field Sociology > Politics
Published In Volume 6, Issue 2, March-April 2024
Published On 2024-03-28
Cite This भारत में कृषि संकट - चुनौतियाँ, कारण, और समाधान - JAY BAHADUR UTTAM - IJFMR Volume 6, Issue 2, March-April 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i02.15393
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i02.15393
Short DOI https://doi.org/gtppgv

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