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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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राहुल सांकृत्यायन की किन्नर यात्रा (किन्नर देश में पुस्तक के विशेष सन्दर्भ में)

Author(s) दोर्जे दोन्डुब
Country India
Abstract राहुल सांकृत्यायन कुशल उपाय तथा प्रज्ञावान साहित्यकार, महान दार्शनिक तथा एक महान विचारक थे। उन्होंने अपने जीवन में हर कार्य को अपने व्यक्तिगत सिद्धान्त या शैली के अनुसार नहीं, अपितु तर्कयुक्त या तर्क के साथ किया है, जिसे विश्व ने न केवल स्वीकार किया बल्कि उनके कार्यों को प्रमाणिक व विश्व कल्याण हेतु किये गये उच्चतम् कार्यों की सूची में रखा है। राहुल जी कई भाषाओं के जानकार थे तथा उन्होंने विश्व के कई देशों का भ्रमण उस समय किया जब किसी व्यक्ति के लिए अपने ही देश में भ्रमण के लिये सोचना पड़ता था। परन्तु राहुल जी कई कठिनाईयों के सागर को पार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर चलते रहे। इसी सफर में उन्होंने किन्नर देश (वर्तमान हिमाचल प्रदेश में स्थित किन्नौर जिला) की यात्रा करते हुए “किन्नर देश में” नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें किन्नर देश(किन्नौर) की भौतिक और अभौतिक संस्कृति का विस्तार पूर्वक वर्णन की है। भौतिक संस्कृति अर्थात् वहाँ की वेशभूषा, खानपान, जीवनशैली आदि है तथा अभौतिक संस्कृति का तात्पर्य वहाँ के लोगों के विचार, जीवन मूल्यों, आदर्शों तथा भावनाओं से है। वर्तामान में जिला किन्नौर पूरे विश्व में देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इसका श्रेय भी राहुल जी को जाता है। वे लिखते हैं- उनके देश की यात्रा का अर्थ है-देवलोक में जाना। पाठकों को मेरी इस यात्रा पर संदेह हो सकता है। किन्तु साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि जिस देश में कभी देवता रहते थे, वहाँ पीछे पिछड़े मनुष्य रहने लगे, और जो पिछड़े मनुष्यों का देश हो, वह फिर देवलोक बन जायेगा।
Keywords सिद्धान्त, प्रामाणिक, किन्नर देश, संस्कृति, देवलोक।
Field Arts
Published In Volume 6, Issue 2, March-April 2024
Published On 2024-03-23
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i02.15468
Short DOI https://doi.org/gtn3w8

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