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E-ISSN: 2582-2160
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Volume 6 Issue 5
September-October 2024
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पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के सामाजिक एवं राजनीतिक विचार का समग्र विश्लेषण
Author(s) | Gopal Prasad, Rajan Kumar Goand |
---|---|
Country | India |
Abstract | आधुनिक भारत के गौरवमय युग-पुरुष माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारतीय राजनीति में बड़े ही अदब के साथ लिया जाता है। यह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने पक्ष-विपक्ष दोनों ही तरफ से सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने राजनीति के नये मापदण्डों का सृजन किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक ऐसे राजनेता के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने मूल्य खो रही राजनीति में पुनः शुचिता, आदर्श एवं मूल्यों को स्थापित किया और भारत के विकास और सुशासन हेतु भारतीय राजनीति को एक नया प्रतिरूप प्रदान किया। 25 सितम्बर 1916 ई0 को जन्में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एक बहुआयामी व्यक्तित्व, सरल, सहज और गम्भीरता की प्रतिमूर्ति थे। वे एक महान देशभक्त, कुशल संगठनकर्ता, प्रखर वक्ता, दार्शनिक, दूरदर्शी, अर्थवेत्ता, राजनीतिक तथा प्रबुद्ध साहित्यकार थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दिया।1 पंडित दीनदयाल जी सादा जीवन, उच्च विचार और व्यवहार के मूर्तिमान रूप थे इन्होंने प्राचीन भारतीय दर्शन को पुनर्व्यवस्था करते हुए समाज को समता, समानता एवं सर्वोदय पर आधारित जीवन जीने का नवीन मार्ग दिया और एक दर्शन का प्रतिपादन किया जिसे एकात्म मानव दर्शन के नाम से जाना जाता है। एकात्म मानव दर्शन आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक एवं राजनीतिक सिद्धान्तों आदि का समुच्चय हैं। जिसमें विश्व, प्रकृति समाज, व्यक्ति सभी पर सामान्जस्यपूर्ण समरसता, कल्याणकारी जीवन व व्यवसाय हेतु विचार प्रस्तुत किया है।2 वर्तमान परिदृश्य में देखा जाय तो राष्ट्र ही नहीं वरन् सम्पूर्ण विश्व में मानवता मूलक समाज की स्थापना के लिए एकात्म मानव दर्शन पूर्णतः प्रासंगिक है एवं भविष्य में भी इसकी प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी जैसे व्यक्तित्व को जानने समझने के लिए हमें न सिर्फ उनके किये गये कार्य का मूल्यांकन करना पड़ेगा बल्कि उनके सम्पूर्ण जीवन दर्शन को भी रेखांकित करना पड़ेगा तभी हम उनके व्यक्तित्व को आम जनता तक समग्र रूप में ला सकते है। |
Keywords | लोकतांत्रिक, राष्ट्रवाद, मानववाद, स्वावलंबन, आध्यात्मिक, वसुधैव-कुटुम्बकम्, जनसंघ, उदारता सानिध्य, समर्पण, स्वदेशी, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मूल्य |
Field | Sociology > Politics |
Published In | Volume 6, Issue 2, March-April 2024 |
Published On | 2024-03-25 |
Cite This | पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के सामाजिक एवं राजनीतिक विचार का समग्र विश्लेषण - Gopal Prasad, Rajan Kumar Goand - IJFMR Volume 6, Issue 2, March-April 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i02.15559 |
DOI | https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i02.15559 |
Short DOI | https://doi.org/gtn3v9 |
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E-ISSN 2582-2160
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10.36948/ijfmr
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