International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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फाह्यान का भारत दर्शन में सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति का वर्णन

Author(s) डॉ. पिंकी यादव
Country India
Abstract फाह्यान ने ई. 402-411 ई. के बीच भारत का भ्रमण किया। वह भारत में पंजाब, मथुरा एवं फर्रुखाबाद गया। वह श्रावस्ती, कपिलवस्तु, गया, सारनाथ, कुशीनगर, वैशाली आदि बौद्ध स्थानों का दर्शन करता हुआ पाटलिपुत्र पहुँचा। वह तीन वर्ष तक चंद्रगुप्त द्वितीय की राजधानी पाटलिपुत्र में रहकर संस्कृत सीखता रहा। फाह्यान ने राजगृह, सारनाथ, बोधगया, वाराणसी की भी यात्रा की। अंत में, अपनी वापसी में वह चंपा, तामलिप्ति के बंदरगाहों से होता हुआ जहाज द्वारा सिंहल (लंका) गया। फाह्यान ने 414 ईस्वी में अपनी यात्रा का वृतांत ‘बौद्ध राज्यों का अभिलेख’ नाम से लिखा, जिसे आज ‘फाह्यान की यात्राएँ’ नाम से जाना जाता है। फाह्यान ने कोई अलग से धार्मिक एवं सामाजिक स्थिति का वर्णन नहीं किया है बल्कि उनके यात्रा विवरणों के अध्ययन करने से उस समय के समाज व संस्कृति का पता चल जाता है। भारत सम्बन्धी विवरणों से हमें तत्कालीन भारत के सामाजिक जीवन के विषय में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त होती है। फाह्यान ने अपने यात्रा विवरण में अपना ध्यान अधिकांशतः धार्मिक स्थलों के विवरण एवं वहां की धार्मिक स्थिति पर ही केन्द्रित किया है। परन्तु उसके विवरणों में भारतीय लोगों के सामाजिक जीवन की भी जानकारी मिलती है।
Published In Volume 5, Issue 5, September-October 2023
Published On 2023-10-23

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