International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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पर्यावरण शिक्षा में अध्यापक का स्थान

Author(s) ASHISH SAMUEL HURI
Country India
Abstract वर्तमान में अध्यापक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण एंव विशिष्ट हो गई है। क्योंकि अध्यापक ही देश के भविष्य का निर्माण करने में संलिप्त हैं। अध्यापक की स्थिति बहुत ही आलोचनात्मक है कयोंकि वह कक्षा में उन छात्रों को तैयार कर रहा है जो भविष्य के नागरिक बनेंगे और देश के उत्थान एंव विकास में अपना योगदान देंगे। अतः एक अध्यापक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम यह कह सकते हैं कि अध्यापक देश की नीव के निर्माण का कार्य कर रहे हैं। आदिकाल से ही अध्यापक का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। परन्तु वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर विचार करें तोे शिक्षक को बहुत ही भिन्न भिन्न भूमिकायें अवश्य ही निभानी पड़ती हैं। समय समय पर एक अध्यापक को एक मित्र, एक दार्शनिक एंव नेतृत्वकर्ता के रुप में अपनी भूमिकाओं को निभाना पड़ता है। वर्तमान मे ंहम एक साधारण गुणों वाले अध्यापक की अपेक्षा अधिक सृजनात्मक एंव विभिन्न कौशलों वाले अध्यापक की कामना करते हैं। क्योंकि वह छात्रों को उस भविष्य के लिए तैयार करता है जहाँ हर एक कार्य में प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगी संसार में एक मनुष्य अपने विशिष्ट कौशलों एंव गुणों के आधार पर ही जीवनयापन कर सकता है।
Field Arts
Published In Volume 6, Issue 3, May-June 2024
Published On 2024-05-04
Cite This पर्यावरण शिक्षा में अध्यापक का स्थान - ASHISH SAMUEL HURI - IJFMR Volume 6, Issue 3, May-June 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i03.19381
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i03.19381
Short DOI https://doi.org/gttbg2

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