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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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नारीवादी दृष्टिकोण द्वारा आदिवासी महिलाओं की अवस्था का मूल्यांकन

Author(s) पूनम कुमारी, वासवी, जनक नन्दनी
Country India
Abstract आदिवासी महिलाओं का समाज में महत्वपूर्ण स्थान होता है, हालांकि वे राष्ट्रीय जीवन की प्रमुख धारा से दूर हो सकती हैं, लेकिन वे आमतौर पर समाज और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के प्रभाव से बच नहीं सकती हैं। इन परिवर्तनों की प्रक्रिया में, आदिवासी महिलाएं कई मानकों का पालन करने के लिए मजबूर होती हैं, जो उनकी स्वतंत्रता को भी प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि उनके परिवार, समुदाय, और बच्चे के प्रति उनका जिम्मेदारी, उनकी खुद की ज़िंदगी, और अन्य सामाजिक असर।इस तरह के आरोप की प्रक्रिया का   असर आदिवासी महिला पर पड़ता है. आदिवासी महिला का जीवन उसके पुरुष साथी से   जुड़ा होता है। पूरे भारत में जनजातीय समुदाय विभिन्‍न प्रकार के अभावों के अधीन रहा है   जैसे भूमि और अन्य वन संसाधनों से अलगाव।
Keywords आदिवासी; महिलाओं; नारीवाद
Field Sociology > Politics
Published In Volume 6, Issue 4, July-August 2024
Published On 2024-07-14
Cite This नारीवादी दृष्टिकोण द्वारा आदिवासी महिलाओं की अवस्था का मूल्यांकन - पूनम कुमारी, वासवी, जनक नन्दनी - IJFMR Volume 6, Issue 4, July-August 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i04.24593
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i04.24593
Short DOI https://doi.org/gt4ggx

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