International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : संपोषणीय विकास के संदर्भ में नई शिक्षा नीति का विश्लेषण

Author(s) Sona Ojha, Prof. Gopal Prasad
Country India
Abstract मानव सभ्यता के विकास में शिक्षा का योगदान अतुलनीय है। प्राचीन भारत में ऋषियों द्वारा उनके शिष्यों को जिस प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाती थी, उसका मुख्य उद्देश्य मनुष्य को विवेकशील बनाना था, समय के साथ शिक्षा के उद्देश्यों में भी परिवर्तन होते रहे हैं। वर्तमान समय में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य जीवनयापन तक ही सीमित हो गया है, इसी कारण शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण होना समय की आवश्यकता है, जिसके लिए भारत सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।
यू० एन० द्वारा अपनाए गए संपोषणीय विकास लक्ष्यों का चतुर्थ लक्ष्य सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है, जिसका तात्पर्य है कि “सभी के लिए समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा, जो आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करे”। यह शोध पत्र में भारत सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बनाई गई विभिन्न नीतियों का विश्लेषण किया जाएगा। भारत की नई शिक्षा नीति का संपोषणीय विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में क्या योगदान है, इस शोध पत्र के माध्यम से इसे जानने का प्रयास किया जाएगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य का एक बिन्दु तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास भी है। शोध पत्र के एक भाग में भारत में कौशल विकास के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की व्याख्या प्रस्तुत की जाएगी।
Keywords गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नई शिक्षा नीति, संपोषणीय विकास, ई- लर्निंग
Field Sociology > Politics
Published In Volume 6, Issue 4, July-August 2024
Published On 2024-07-20
Cite This भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : संपोषणीय विकास के संदर्भ में नई शिक्षा नीति का विश्लेषण - Sona Ojha, Prof. Gopal Prasad - IJFMR Volume 6, Issue 4, July-August 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i04.24865
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i04.24865
Short DOI https://doi.org/gt43tk

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