International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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Bharat Ki Samajik -Aarthik Samsyayne and Gandhivadi Samdhan

Author(s) Sugan chand Meena, Narendra nath
Country India
Abstract जहाँ न्याय से इन्कार किया जाता है, जहाँ गरीबी व्याप्त है, जहाँ अज्ञानता व्याप्त है, और जहाँ किन्हीं खास वर्गों को यह महसूस होता है कि समाज उन्हें दबाने, लुटने और अपमानित करने के लिए एक संगठित साजिश है, वहाँ न तो व्यक्ति और न ही संपत्ति सुरक्षित रहेगी।
फ्रेडिक डगलस, 1886
यह शोध पत्र वर्तमान में भारत की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के संभावित निवारण विकल्पों की रूप रेखा प्रस्तुत करता है। वस्तुतः गांधीवादी सिद्धांतों को वर्तमान भारतीय सामाजिक-आर्थिक विषमताओं के समाधान हेतु कसौटी पर कसने का प्रयास है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले देश भारत में ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि देश का आर्थिक ढांचा स्वदेशी हो जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित हो। इस शोध पत्र में भारत की सामाजिक समस्याओं को उजागर करने का प्रयत्न किया गया है तथा इनकी समाप्ति हेतु किये जा रहे सरकारी प्रयास एवं महात्मा गांधी द्वारा इस हेतु दिये गये उपदेशों, दर्शन एवं सिद्धांतों को उजागर करना है। मसलन जाति व्यवस्था, महिला हिंसा, लिंग भेद, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी घृणीत मानसिकता को रोकने हेतु सरकारी, गैर सरकारी प्रयासों को यथास्थान रखा गया है। इस शोध पत्र में भारत में गरीबी की स्थिति को भी दर्शाया गया है। गरीबी उन्मूलन हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं सतत विकास के गांधीवादी आदर्शों को भी उजागर किया गया है।
Keywords ग्राम स्वराज, हिंद स्वराज, यंग इंडिया गरीबी उन्मूलन, ट्रस्टीशिप, नारी उत्थान
Field Sociology > Politics
Published In Volume 6, Issue 4, July-August 2024
Published On 2024-08-26
Cite This Bharat Ki Samajik -Aarthik Samsyayne and Gandhivadi Samdhan - Sugan chand Meena, Narendra nath - IJFMR Volume 6, Issue 4, July-August 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i04.26592
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i04.26592
Short DOI https://doi.org/gt8gxq

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