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E-ISSN: 2582-2160
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Volume 6 Issue 5
September-October 2024
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Kinner Jeevan-Sangharsh Ka Anterdwand Karta Atmcharit:Puroosh Tan men Phansa Mera Naree Man
Author(s) | Dr.Geeta Santosh Yadav |
---|---|
Country | India |
Abstract | शोध संकेत(Abstract) : आत्मचरित परिभाषा: किसी लेखक द्वारा दूसरे व्यक्ति के जीवन कथा का चित्रण आत्मकथात्मक शैली में करनेवाली विधा को आत्मचरित कहेंगे| उदाहरण स्वरूप श्री राम के जीवनचरित का उद्घाटन गोस्वामी तुलसी ने रामचरित में किया है| उसी प्रकार वर्तमान समय में किन्नर साहित्य की दो पुस्तकें सामने आई हैं| जिसे आत्मचरित का दर्जा दिया जा सकता है | "मैं हिजड़ा मैं लक्ष्मी” तथा “पुरूष तन में फँसा मेरा नारी मन”इस विधा के अंतर्गत आनेवाली महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं|इन पुस्तकों को अबतक आत्मकथा की श्रेणी में रखा जाता था |लेकिन मेरा मानना है कि इन पुस्तकों में लेखकों की स्वयं अनुभूति तो है,किन्तु,इसे शब्दांकन करने का काम अन्य लेखकों ने किया है। इसलिए मेरे मतानुसार इस प्रकार की शैली में लिखित रचनाओं की गणना आत्मचरित विधा के अंदर की जानी चाहिए| जिसका सर्वथा एक स्वतंत्र विधा के रूप मे उल्लेख होना चाहिए।‘पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन' प्रथम ट्रांसजेंडर प्राचार्या की संघर्ष गाथा है|अपनी असल पहचान स्थापित करने की एक ट्रांसजेंडर के साहसपूर्ण संघर्ष की अद्भुत जीवन-यात्रा जो 23 सितम्बर, 1964 में शुरू होती है|उनके जीवन संघर्षों का चित्रण है, जब दो बेटियों के बाद चित्तरंजन बंद्योपाध्याय के घर बेटा पैदा हुआ। बेटे सोमनाथ के जन्म के साथ ही पिता के भाग्य ने बेहतरी की ओर तेज़ी से ऐसा कदम बढ़ाया कि लोग हँसते हुए कहते कि अक्सर बेटियाँ पिता के लिए सौभाग्य लाती हैं लेकिन इस बार तो बेटा किस्मत वाला साबित हुआ। वे कहते, 'चित्त यह पुत्र तो देवी लक्ष्मी है।'२ सोमनाथ जैसे-जैसे बड़ा होता गया उसमें लड़कियों जैसी हरकतें, भावनाएँ पैदा होने लगीं और लाख कोशिश करने के बाद भी रुक या दब नहीं सकीं। बिना माँ-बाप को बताये वह घर छोड़ कर निकल पड़ा-नारी बनने के लिए। कहाँ, कैसे वह नर से नारी बना, सोमनाथ से मानोबी बन पीएच.डी. तक उच्चतम शिक्षा पाई और २०१५ को पश्चिम बंगाल के कृशनगर महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बन ऐसी मिसाल कायम की है जो हर ट्रांसजेंडर के लिए प्रेरणा स्रोत है।इन सबके बीच घटित संघर्षपूर्ण स्थितिओं का चित्रण परस्तुत शोध-आलोख में किया जाएगा| |
Field | Arts |
Published In | Volume 6, Issue 5, September-October 2024 |
Published On | 2024-09-19 |
Cite This | Kinner Jeevan-Sangharsh Ka Anterdwand Karta Atmcharit:Puroosh Tan men Phansa Mera Naree Man - Dr.Geeta Santosh Yadav - IJFMR Volume 6, Issue 5, September-October 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i05.27620 |
DOI | https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i05.27620 |
Short DOI | https://doi.org/g4qmqn |
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E-ISSN 2582-2160
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10.36948/ijfmr
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