International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में महिला अधिकारों एवं शिक्षा के संवैधानिक प्रावधान का समीक्षात्मक अध्ययन

Author(s) Batti lal meena
Country india
Abstract भारतीय संविधान समानता के सिद्धान्त (संविधान की प्रस्तावना और भाग-प्प्प् में समानता कासिद्धान्त) की बात करता है जिसके आधार पर महिलाओं को लिंग भेद के आधार पर होने वाले किसी भीभेदभाव के खिलाफ सुरक्षा हासिल है। इस प्रकार संविधान में वर्णित सभी अधिकार और स्वतंत्रताएं जितनी पुरूषोंपर लागू होती है उतनी ही महिलाओं पर भी लागू होती है।
समाज में व्याप्त जंेडर (लिंग) आधारित भेदभावों और लडकियों व महिलाओं की शिक्षातथा उनकेसर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुये इस दिशा में किए गए सवैधानिक प्रावधानों, विभिन्न नीतियों, आयोगोंऔर समितियों द्वारा पहचाने गए मुद्दों पर समय≤ पर समाज ध्यान आकर्षित किया गया है। भारतीयसमाज में लम्बे समय से लिंग आधारित भेदभाव रहे है और इस कारण लड़कियों की स्थिति निम्न दर्जे की रहीहै। इसका परिणाम है कि भारतीय संविधान मंें समानता के सिद्धान्त को सम्मिलित किया गया और राज्य व केन्द्रसरकारों द्वारा जंेडर विभेदीकरण का सामना करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम चलाये गये। समय≤ परगठित समितियों और आयोगो ने भी विभिन्न क्षैत्रों में हो रहे जेंडर (लिंग) विभेदीकरण की ओर ध्यान आकर्षितकर उनके उन्मूलन के लिए सुझाव दिए तथा इस बात के महत्व को स्वीकार किया गया कि यदि महिला शिक्षाको सही दिषा नहीं मिलेगी तो समाज में व्याप्त लिंग भेद की समस्या का समाधान करना कठिन ही नहीं असंभवहोगा तथा महिलाओं का सर्वागींण विकास नहीं हो पायेगा। भारतीय संविधान में महिला शिक्षा के संवैधानिकप्रावधान इस प्रकार है।
Keywords .
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 3, May-June 2023
Published On 2023-05-16

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