International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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मैला आंचल का राजनितिक महत्त्व

Author(s) Mohd Shawan Khan
Country India
Abstract मैला आँचल उपन्यास को किसी एक फ्रेम में रखकर नहीं देखा जा सकता है, यह एक बहुआयामी और कालजयी कृति हैं। इसमें आंचलिकता, सामाजिक जीवन, ग्रामीण परिवेश में रिश्तों की बुनावट तथा सामाजिक ढांचा सब को बड़ी बारीकी से एक चित्रकार की भाँति चित्रित किया गया। उपन्यास जितना भाषाई सौंदर्य की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, उतना ही सामाजिकता, आर्थिक परिवेश, आंचलिकता तथा राजनीतिक बिंदु से भी है। राजनीतिक दृष्टि से इसका महत्त्व इसलिए भी है कि इसमें तत्कालिक राजनीति के साथ ही वर्तमान की प्रतिध्वनि स्फुटित होती है। समय के साथ राजनीति ने जहाँ करवट ली, वहीं साहित्य भी उसके सामने आइना लेकर सामने खड़ा मिला।
उपन्यास में दलबदल राजनीति, बदले की राजनीति विरोधियों को कुचलना और राजनीति में धर्म तथा जातीयता को दिखाया है। मोहभंग का नारा देकर समाजवादी दलों ने जनता को वर्गसंघर्ष की राह पर लाकर तो खड़ा कर दिया परन्तु उनके पास अपनी कार्यशैली का न कोई खाका था और न ही किसी प्रकार की क्रांति या संघर्ष का ही अनुभव ही था। सामंतो और शोषकों के विरुद्ध ऐसे लोग नेतृत्व कर रहे थे जो व्यवस्था से ज्यादा व्यक्ति-विरोधी थे और वैचारिक रूप से परिपक्क्व भी नहीं थे। साथ ही उपन्यास में पल्टूवाद की राजनीति है, जहाँ तहसीलदार जैसे लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत में भी मज़े मारे और आज़ादी के बाद खद्दरधारी बनकर सत्ता का सुख भोग रहें हैं। पल्टूवादी राजनीति का सम्बन्ध आज भी बिहार राज्य से है। रेणु ने इस उपन्यास में तत्ल्कालिक बिहार की राजनीति के साथ ही भविष्य की वीभत्स राजनीति को भी दर्शा दिया है।
Keywords आंचलिकता, साहित्य, राजनीति, मोहभंग, मार्क्सवाद, समाजवाद, वर्ग-संघर्ष
Field Sociology > Linguistic / Literature
Published In Volume 6, Issue 6, November-December 2024
Published On 2024-11-27
Cite This मैला आंचल का राजनितिक महत्त्व - Mohd Shawan Khan - IJFMR Volume 6, Issue 6, November-December 2024. DOI 10.36948/ijfmr.2024.v06i06.31449
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2024.v06i06.31449
Short DOI https://doi.org/g8sdf6

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