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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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छतरियों ने सहेजी है भिवानी की भव्यता :- एक झलक

Author(s) स्वाति, निरूपमा सिंह
Country India
Abstract भिवानी का इतिहास विभिन्न राजवंशों से जुड़ा हुआ है | विभिन्न शासकों द्वारा यहाँ प्राचीन मंदिरों, किलों, मकबरों और छतरियों के रूप में अपनी यादें संजोई हैं| उस समय की कलात्मक धरोहर आज भी यहाँ जीवंत संपदन सी आभासित होती है| यहाँ वास्तुकला में मुगल-राजपूति प्रभाव स्पष्ट है| जो तत्कालीन प्रभुत्व और वर्चस्व का परिचाय है| यह स्थल अपने व्यापारिक महत्व से भी अहम रहा है| जिसके फलस्वरूप यहाँ कलात्मक अवधारणाएं भी उसी अनुरूप फलित रहीं| व्यपारियों ने अपनी शानौ-शौकत में चार चांद लगवाने के लिए छतरियों में भित्ति चित्रों का निर्माण करवाया था| परन्तु उस दौर में इनकी वास्तविकता/ भव्यता की कल्पना करना ही अपने आप में रसास्वादन का अनुभव है| भित्तिचित्रों में तत्कालीन जनसाधारण के धार्मिक, पौराणिक परिप्रेक्ष्य/ विश्वासों, मान्यताओं, रिती-रिवाजों, परंपराओं, विचारात्मक अनुभूतियों, की झांकी प्रदृशित/अंकित है|
Keywords छतरियां, भिवानी, भव्यता, भित्ति चित्र, हरियाणवी संस्कृति
Field Arts > Drawing
Published In Volume 5, Issue 3, May-June 2023
Published On 2023-06-11
Cite This छतरियों ने सहेजी है भिवानी की भव्यता :- एक झलक - स्वाति, निरूपमा सिंह - IJFMR Volume 5, Issue 3, May-June 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i03.3512
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i03.3512
Short DOI https://doi.org/gscdqs

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