International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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कृत्रिम बुद्धिमता का नागरिक अधिकारों पर प्रभाव

Author(s) Amit Kumar, Prof. Preeti Pathak
Country India
Abstract प्रस्तुत शोध पत्र में आधुनिक युग की क्रांतिकारी खोज कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रभावशाली शक्ति के बारे में चर्चा की गई है, विशेषतया नागरिक अधिकारों के साथ-साथ मानवाधिकारों के सामने उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में। एआई के लिए आवश्यक आंकड़ों से किस प्रकार पक्षपाती उपकरण बनाए जा सकते हैं जो चरित्र में भले ही पक्षपाती ना प्रतीत हों किंतु उनका उद्देश्य पक्षपाती हो सकता है। एआई से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु सार्वभौमिक नियम बनाने की आवश्यकता है।
एआई को कार्य करने के लिए आंकड़ों की आवश्यकता होती है। यह आंकड़े समाज में वर्तमान में उपस्थित स्थितियों पर निर्भर करते हैं जहां कमजोर, गरीब, महिलाएं व शोषित लोगों की दिनचर्या उन्हें समाज के बाकी हिस्से से अलग करती है जिसमें कमजोर समूह द्वारा मजबूत आर्थिक स्थिति के अभाव में अधिकारों का समुचित प्रयोग संभव नहीं हो पता है। इस प्रकार की परिस्थितियों में लिए गए आंकड़ों का उद्देश्य भले ही पक्षपाती नहीं हो किंतु पहले से उपस्थित स्थिति के आंकड़े एआई को पक्षपाती बना सकते हैं। जिससे यह तकनीक समाज के एक बहुत बड़े वर्ग के भविष्य को हानि पहुंचा सकती है।
Keywords एआई, हाइरव्यू, पल्स ऑक्सीमेट्री, एआई वॉयस क्लोनिंग, सीओएमपीएएस , चैट जीपीटी, जनरेटिव एडवर्सरीयल नेटवर्क
Field Sociology > Politics
Published In Volume 7, Issue 1, January-February 2025
Published On 2025-01-16
Cite This कृत्रिम बुद्धिमता का नागरिक अधिकारों पर प्रभाव - Amit Kumar, Prof. Preeti Pathak - IJFMR Volume 7, Issue 1, January-February 2025. DOI 10.36948/ijfmr.2025.v07i01.35139
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i01.35139
Short DOI https://doi.org/g82grz

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