International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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SNATAK STAR PAR ADHYAYANARAT GRAMIN CHHATRON EVAM CHHATRAON KE MANASIK SWASTHY PAR SAMAJIK MEDIA KE PRABHAV KA ADHYAYAN

Author(s) PRASHANT TRIPATHI, Dr. ANURAG YADAV
Country India
Abstract ग्रामीण छात्रों के लिए जहां एक ओर सोशल मीडिया एक मनोरंजन और जानकारी का स्रोत है, वहीं दूसरी ओर यह मानसिक दबाव और अवसाद का कारण भी बन सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक शिक्षा, परिवार और समाज की अपेक्षाएँ बहुत अधिक होती हैं, वहां सोशल मीडिया के प्रभाव को सही तरीके से संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सोशल मीडिया पर दूसरों की आदतें, जीवनशैली और सफलता की कहानियां ग्रामीण छात्रों में आत्म-संकोच, ईर्ष्या, और अवसाद का कारण बन सकती हैं। सामाजिक मीडिया पर व्यक्तित्व की तुलना और ष्फिटनेसष् या ष्आदर्श जीवनशैलीष् की तस्वीरों से मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। इसके कारण छात्रों में आत्ममूल्यांकन कम हो सकता है, जिससे वे अपनी वास्तविक स्थिति को गलत तरीके से देखने लगते हैं। इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर अवांछनीय टिप्पणियाँ और साइबरबुलिंग भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। यह छात्रों को अवसाद, चिंता और आत्महत्या जैसे गंभीर मानसिक संकटों में डाल सकता है। ग्रामीण छात्रों के लिए एक और चुनौती यह है कि वे सामाजिक मीडिया के दुरुपयोग और उसकी जानकारी से अपरिचित होते हैं। उन्हें सोशल मीडिया के वास्तविक खतरे और इसके उपयोग के सही तरीके के बारे में जागरूकता की कमी हो सकती है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी और पारंपरिक मानसिकता के कारण ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात नहीं की जाती। यह छात्रों को उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में उचित सहायता प्राप्त करने से रोकता है। हालांकि, अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो सोशल मीडिया छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सकारात्मक प्रभाव भी बना सकता है। यह छात्रों को प्रेरित कर सकता है, उन्हें नवीनतम जानकारी, शैक्षिक संसाधन और सामाजिक जुड़ाव प्रदान कर सकता है। छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने और एक-दूसरे को सहायता प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग एक प्रभावी साधन हो सकता है। प्रस्तुत शोध पत्र को सर्वेक्षण विधि के माध्यम से किया गया एवं 120 छात्र-छात्राओं को स्तरीकृत यादृच्छिक न्यादर्श विधि द्वारा चयनित किया गया है। शोध पत्र के अन्तर्गत आकाडों को एकत्रित करने के लिये स्वनिर्मित प्रश्नावली सामाजिक मीडिया मापनी एवं डा0 सुषमा तालेसारा एवं डा0 अक्खतर बानो द्वारा निर्मित प्रश्नावली मानसिक स्वास्थ्य मापनी का प्रयोग किया गया। इस प्रकार, स्नातक स्तर पर अध्ययनरत् ग्रामीण छात्रों और छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है। यह छात्रों की मानसिक स्थिति, उनके सोशल मीडिया के उपयोग के तरीके, और उनके सामाजिक और पारिवारिक वातावरण पर निर्भर करता है।
Keywords स्नातक स्तर, ग्रामीण छात्र एवं छात्राऐं, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक मीडिया
Field Arts
Published In Volume 7, Issue 1, January-February 2025
Published On 2025-02-18
Cite This SNATAK STAR PAR ADHYAYANARAT GRAMIN CHHATRON EVAM CHHATRAON KE MANASIK SWASTHY PAR SAMAJIK MEDIA KE PRABHAV KA ADHYAYAN - PRASHANT TRIPATHI, Dr. ANURAG YADAV - IJFMR Volume 7, Issue 1, January-February 2025. DOI 10.36948/ijfmr.2025.v07i01.37149
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i01.37149
Short DOI https://doi.org/g85svq

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