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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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ध्यान और प्राणायाम: भारतीय ज्ञान परंपरा में मानसिक स्वास्थ्य का साधन

Author(s) Shobha Mahiswar
Country India
Abstract भारतीय ज्ञान परंपरा में योग को जीवन के मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक संतुलन का माध्यम माना गया है। योग के प्रमुख अंगों में ध्यान और प्राणायाम का विशेष महत्व है। ध्यान, मन की एकाग्रता और विचारों के नियंत्रण का अभ्यास है, जबकि प्राणायाम श्वसन प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा का संतुलन बनाता है। आज के समय में तनाव, चिंता, अवसाद, अनिद्रा, और अन्य मानसिक विकारों में ध्यान और प्राणायाम एक प्रभावी उपचार के रूप में उभरे हैं। यह शोध मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान और प्राणायाम के प्रभावों का मूल्यांकन करता है। इसमें प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे पातंजलि योगसूत्र, भगवद्गीता, और उपनिषदों का संदर्भ लिया गया है, साथ ही आधुनिक वैज्ञानिक शोधों का भी समावेश किया गया है। अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि ध्यान और प्राणायाम न केवल मानसिक विकारों से राहत प्रदान करते हैं, बल्कि भावनात्मक संतुलन, स्मरण शक्ति, और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी अत्यधिक प्रभावी हैं।
Keywords ध्यान , प्राणायाम , मानसिक स्वास्थ्य , भारतीय ज्ञान परंपरा , योग , तनाव प्रबंधन ,आत्म-साक्षात्कार
Field Sociology > Home Science
Published In Volume 7, Issue 1, January-February 2025
Published On 2025-02-20
Cite This ध्यान और प्राणायाम: भारतीय ज्ञान परंपरा में मानसिक स्वास्थ्य का साधन - Shobha Mahiswar - IJFMR Volume 7, Issue 1, January-February 2025. DOI 10.36948/ijfmr.2025.v07i01.37335
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i01.37335
Short DOI https://doi.org/g85ssp

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