International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 6 Issue 4 July-August 2024 Submit your research before last 3 days of August to publish your research paper in the issue of July-August.

वर्तमान परिप्रक्ष्य में बारेला जनजाति की सांस्कृतिक परंपराओं का समाजशास्त्रीय अध्ययन

Author(s) शैलेन्द्र मालीवाड़
Country India
Abstract भारतीय समाज आदिकाल से ही संस्कृति सभ्यता एवं परंपराओं से पहचाना जाता रहा है । भारतवर्ष की मुख्य पहचान ही संस्कृति है जिसका गुणगान संपूर्ण ब्रह्मांड मैं होता है क्योंकि भारतीय संस्कृति के भिन्न-भिन्न रूप हमारे राष्ट्र में आज भी विद्यमान है जिसमें खान-पान,रहन-सहन व्यवहार, पहनावा, भाषा एवं जीवन शैली आदि अनेक भिन्नताएं देखने को मिलती है पर्व और उत्सवों को हमारी सांस्कृतिक परंपराओं में अलग-अलग ढंग से बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसका प्रभाव आज भी अन्य देशों तक दिखाई देता है प्रस्तुत शोध में बारेला जनजाति की सांस्कृतिक एवं परंपरागत रीति-रिवाजों में आए परिवर्तनों का अध्ययन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि यह समुदाय अन्य जनजाति समुदायों से भिन्न है जिसमें समुदाय का रहन-सहन जीवन शैली भाषा पहनावा रीति-रिवाज संस्कृति परंपराएं प्रथाएं एवं कुप्रथा में सम्मिलित है जिनमें अन्य जनजातीय समुदायों से भिन्नता देखने में आई, यह एक ऐसा समुदाय है जिसने अपनी संस्कृति और परंपराओं को वर्तमान में भी यथावत एवं सुरक्षित रखा है कहीं-कहीं संस्कृति और परंपराओं में बदलाव देखने में आया जिसके कई कारण सामने आए जिनमें नगरों से संपर्क,आधुनिक शिक्षा, तकनीकी,आधुनिक पहनावा आदि प्रमुख कारण है जिनके कारण संस्कृति, परंपराओं, पारंपरिक जीवन शैली, भाषा और पहनावा मिश्रित होता जा रहा है।
Keywords बारेला समुदाय,संस्कृति,सभ्यता,परंपरागत पर्व,उत्सव,संगीतकला,नृत्यकला,रानीदीवाली,भांगर्यो, नवाय,कुलप्यो, डायला,भानिज्या,भुंज्या, पाटल्य,पुजारा,जुवानाय
Field Sociology
Published In Volume 5, Issue 3, May-June 2023
Published On 2023-06-13
Cite This वर्तमान परिप्रक्ष्य में बारेला जनजाति की सांस्कृतिक परंपराओं का समाजशास्त्रीय अध्ययन - शैलेन्द्र मालीवाड़ - IJFMR Volume 5, Issue 3, May-June 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i03.3752
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i03.3752
Short DOI https://doi.org/gscdnv

Share this