International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 6 Issue 6 November-December 2024 Submit your research before last 3 days of December to publish your research paper in the issue of November-December.

रवीन्द्र कालिया के कहानियों में पारिवारिक विद्यटन के कारण

Author(s) डॉ. पोरिका नागमणी
Country India
Abstract मानव समुदाय में कई लोगों का जन्म होता है और चले भी जाते हैं। यह सामान्य विषय है लेकिन उनमें कलाकार ही उत्तम जीवन बिताते हैं। कला व्यक्तिगत होते हुए भी समाज का कला विकास समाज से ही है। इसलिए कलाकारों की कला द्वारा हरा उसके रहते समय कलाकार के मरने के बाद भी बना रहता है। ऐसे 64 कलाओं में साहित्य भी एक करता है। ऐसी साहित्य सेवा को अपना कर उत्तम रचनाकारी में सेन्द्र कालिया जी भी एक हैं। आप अपनी आदर्शमय व्यक्ति द्वारा अति उत्तम रचना कृतियों का सृजन किया है। उसी के बारे में प्रस्तुत विवरण ।
Field Sociology > Linguistic / Literature
Published In Volume 4, Issue 6, November-December 2022
Published On 2022-12-20
Cite This रवीन्द्र कालिया के कहानियों में पारिवारिक विद्यटन के कारण - डॉ. पोरिका नागमणी - IJFMR Volume 4, Issue 6, November-December 2022. DOI 10.36948/ijfmr.2022.v04i06.3827
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2022.v04i06.3827
Short DOI https://doi.org/gsdk8j

Share this