International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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राष्ट्रीय एकता और हिन्दी

Author(s) डॉ. पोरिका नागमणी
Country India
Abstract भाषा मानव के व्यवहार एवं प्रवृत्ति का मुख्य साधन है, मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप एवं जाचरण भाषा के माध्यम से ही संपन्न होते हैं। मनुष्य और मनुष्य बीच ध्वनि संकेतों का जो व्यवहार होता है उसे भाषा कहते हैं। के

देश की एकता के लिए एक भाषा का होना जितना आवश्यक है उससे अधिक आवश्यक है देश भर के लोगों में देश के प्रति विशुद्ध प्रेम तथा अपनापन होना अगर आज हिन्दी भाषा मान ली गई है, तो इसलिए नहीं कि वह किसी प्रांत विशेष की भाषा है, बल्कि इसलिए कि वह अपनी सरलता, व्यापकता तथा क्षमता के कारण सारे देश को भाषा हो सकती है और सारे देश के लोग उसे अपना सकते हैं ।

आधुनिक हिन्दी के निर्माता भारतेन्दु वायू हरिश्चन्द्र की भाषा के संबंध में लिखी गई ये पंक्तियाँ आज के दिन हमारे लिए एक अभूतपूर्व प्रेरणा का संदेश दे रही हैं।
Keywords -
Published In Volume 5, Issue 2, March-April 2023
Published On 2023-03-23

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