International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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इंदौर का नगरीकरण - होलकर रियासत काल से 2025 ईस्वी के मध्य

Author(s) Dr. Madhuri Modi
Country India
Abstract ‘‘‘नगर’ एवं ‘नागरिक’ यह दोनों शब्द एक दूसरे के उद्बोधन हैं जैसे नागरिक होंगे,वैसे ही नगरों के विकास एवं उनकी वृद्धि की संभावना होगी। सच तो यह है कि नगर एक प्रकार से नागरिकों की संस्कृति एवं सभ्यता-दोनों का एक जागरूक चित्र होता है। जिस प्रकार के नागरिकों की बहुलता एवं प्रमुखता होगी, जैसा उनका रहन-सहन, आचार-विचार, व्यवहार, वाणिज्य तथा व्यवसाय होगा, वैसी ही छाप उस नगर पर जिसके वे नागरिक हैं अनिवार्य रूपेण पड़ेगी। स्वास्थ्यवर्धक जलवायु, व्यापारिक मंडी, पुनर्वास भी नगरों के विकास व नगरीकरण के लिए उत्तरदायी कारक हैं। इंदौर भी अपनी स्वास्थ्यवर्धक जलवायु और व्यापारिक मंडियों के कारण भी नगरीकृत हुआ।पैट्रिक गिडीज़, द्वारा इंदौर को आधुनिक तरीके से विकसित करने हेतु 1911 में योजना प्रस्तुत की गयी, जिसके अनुसार कालांतर में इंदौर का विकास सुनियोजित तरीके से किया गया।
Field Sociology > Archaeology / History
Published In Volume 7, Issue 2, March-April 2025
Published On 2025-03-17
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i02.39238
Short DOI https://doi.org/g882jd

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