International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 7, Issue 2 (March-April 2025) Submit your research before last 3 days of April to publish your research paper in the issue of March-April.

चाणक्य नीती: आर्थिक और शासकीय प्रबंधन की गहरी समझ

Author(s) Dr. Ms. विनय सिंहल
Country India
Abstract शोधसार: चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है, भारतीय इतिहास के एक महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ थे। उनकी कृतियाँ, विशेष रूप से अर्थशास्त्र, आज भी प्राचीन भारतीय समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए अनमोल धरोहर मानी जाती हैं। उनका जीवन दर्शन और उनके सिद्धांत आज भी न केवल भारतीय समाज, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थशास्त्र में प्रासंगिक हैं। यह शोध पत्र चाणक्य की आर्थिक और शासकीय प्रबंधन से संबंधित शिक्षाओं का गहन विश्लेषण करता है और उनके सिद्धांतों को आधुनिक संदर्भ में पुनः प्रस्तुत करता है।
चाणक्य ने शासन के प्रबंधन, नीति निर्धारण, आर्थिक सुधार, और राज्य संचालन के लिए जो रणनीतियाँ सुझाई, वे न केवल उस समय के लिए उपयोगी थीं, बल्कि आज भी इनका पालन विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है। उनका विचार था कि एक सक्षम और कुशल नेता को अपनी नीतियों को रणनीतिक रूप से लागू करना चाहिए, और इसके लिए नैतिकता, कूटनीति, और दूरदर्शिता का होना आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने आर्थिक प्रबंधन, कर प्रणाली, और व्यापार नीतियों पर भी गहरा ध्यान केंद्रित किया।
यह शोध पत्र चाणक्य की शिक्षाओं को आधुनिक शासकीय और आर्थिक प्रबंधन में लागू करने के तरीकों का विश्लेषण करता है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि चाणक्य की नीतियाँ वर्तमान में कितनी प्रभावी और प्रासंगिक हो सकती हैं। इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि चाणक्य की गहरी समझ और दृष्टिकोण आज भी वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए एक अमूल्य संसाधन हैं।
Keywords चाणक्य नीति, अर्थशास्त्र, नेतृत्व और शासन, आधुनिक प्रबंधन, कूटनीति और रणनीति
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 1, January-February 2023
Published On 2023-01-04

Share this