International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारतीय राजनीति में महिलाओं की बदलती भूमिका एक अध्ययन

Author(s) Kirti Yadav
Country India
Abstract भारतीय संविधान कानून ने देश के सभी नागरिकों को जाति, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर समानता का अधिकार दिया है, किन्तु व्यवहार में देखें तो जाति, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर महिलाओं में होने वाले अत्याचार लैंगिक आधार पर भेदभाव, असमानता, घरेलू हिंसा शोषण समाज में दिखाई देती है। महिलाओं की परिस्थितियों में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक स्तर पर परिवर्तन आ रहे हैं, किन्तु यह परिवर्तन नाममात्र का है। भारतीय समाज में नारी की स्थिति अनेक प्रकार के विरोधों से ग्रस्त रही है। एक तरफ वह परम्परा में शक्ति, देवी के रूप में देखी गई है, वहीं दूसरी ओर शताब्दियों से वह ‘अबला’, ‘माया’ के रूप में देखी गई है। दोनों ही अतिवादी धारणााओं ने नारी के प्रति समाज में एक और रूढ़िगत सोच, आधुनिकता के उन्मेष के कारण नारी का शोषण होता रहा है तो दूसरी ओर आधुनिकता की अवधारणा के साथ-साथ उसे पुरूषों के बराबर सामर्थ्यवान समझने का अभिमान भी चला है।
राजनति ने जनता का हमेशा शोषण किया है, कभी धर्म को सुरक्षित रखने के नाम पर तो कभी जनताके अधिकारों, जानमाल की सुरक्षा के नाम पर। इसने हमेशा साम्प्रदायिकता, खून खराबे को बढ़ाया है। राजनीति पुरूषों का अखाड़ा रहा है, यहां पुरूषों का वर्चस्व अधिक पाया जाता है। राजनीति में पुरूष- महिलाओं की सहभागिता के मामले में दुनिया भर के स्त्री-पुरूषों में अभी तक काफी अंतर है। हालांकि लगभग सभी देशों के संविधान में स्त्री-पुरूषों को समान अवसर बराबर पर बल दिया है, किन्तु व्यावहारिक रूप में ऐसा नहीं पाया जाता आधुनिक युग में राजतंत्र का पतन लोकतंत्र के विकास भारतीय समाज में पश्चिमीकरण, आधुनिकीकरण, संस्कृतिकरण, प्रौद्योगिकीकरण, तकनीक, वैश्वीकरण के विकास के कारण जनमत को विशेष महत्व मिलने लगा तब समाज के कुछ बलशाली व्यक्तियों के स्थान पर आम जनता का भी वर्चस्व बढने लगा। आम जनता की भागीदारी धीरे धीरे महिलाओं की भागीदारीता बढ़ले लगी। महिलाओं के इस बढ़ती भागीदारी से राजनीति का स्वरूप भी बदलता जा रहा है, जो न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अपूर्व अनुभव है। महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करके चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ाते हैं। आधुनिक परिवर्तनों को इस लेख में वर्णित किया है, नये परिवर्तनों ने राजनीति में महिला की भूमिकाओं को बदला है इन सभी की चर्चा करना इस लेख का प्रमुख विषय है। प्रस्तुत लेखन सामग्री द्वितीय स्त्रोत से ली है।
Keywords सहभागिता, लोकतंत्र, प्रौद्योगिकी, साम्प्रादायिकता, समानता का अधिकार, संस्कृतिकरण, वैश्वीकरण।
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 4, July-August 2023
Published On 2023-07-08

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