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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में घरेलू कार्यों में स्वच्छ जल का उपयोग एवं समस्यायें - एक भौगालिक अध्ययन (मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के विशेष सन्दर्भ में )

Author(s) धर्मेन्द्र प्रताप यादव, मेजर डॉ.संजय सोहनी
Country India
Abstract जल संसाधन पृथ्वी पर महत्वपूर्ण संसाधन है। जल संसाधन के बिना जीवन की कल्पना करना असम्भव है। हमारी पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहॉं पर जल और वायु विद्यमान है। पृथ्वी पर 71 प्रतिशत जल और 29 प्रतिशत स्थल भाग है। 71 प्रतिशत जल में लगभग 97़़.3 प्रतिशत नमकीन या खारा जल है तथा 2.7 प्रतिशत ताजा या साफ जल है। ताजा एवं साफ जल भूमिगत जल के रूप में , सतही जल के रूप में तथा ग्लेशियर एवं बर्फ की टोपियों के रूप में विद्यमान है। यही जल घरेलू कार्यों में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है।
मध्य प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या वाला प्रदेश है। मध्य प्रदेश का झाबुआ जिला जनजाति बाहुल्य जिला है। स्वच्छ एवं साफ जल घरेलू कार्यों में स्नान करने ,खाना बनाने, साफ - सफाई एवं पेय जल आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। स्वच्छ एवं साफ जल की कमी से अनेक समस्यायें उत्पन्न होने लगती हैं।
Keywords स्वच्छ एवं साफ , जल संसाधन , जनजाति , जीवन , उपयोग ,सतत् विकास
Published In Volume 5, Issue 4, July-August 2023
Published On 2023-07-08
Cite This अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में घरेलू कार्यों में स्वच्छ जल का उपयोग एवं समस्यायें - एक भौगालिक अध्ययन (मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के विशेष सन्दर्भ में ) - धर्मेन्द्र प्रताप यादव, मेजर डॉ.संजय सोहनी - IJFMR Volume 5, Issue 4, July-August 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i04.4272
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i04.4272
Short DOI https://doi.org/gsfxnj

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