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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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सोमनाथ होर (1921-2006) की जीवन यात्रा का सारांश एंव ‘आन्नदरूप घोष‘ द्वारा साक्षात्कार का संपूर्ण विवरण

Author(s) Mithun Kumar Dutta
Country india
Abstract सोमनाथ होर जीवनभर एक ही विषय के विस्तारक रहे। जख्म, दुर्भिक्ष, मानवीय यातना, दुःखों का अन्तहीन सिलसिला। शायद खुद को अभिव्यक्त करने की अन्तहीन चाह तड़पन और बैचनी ने उन्हें एक माध्यम से निकलकर दूसरे माध्यम में जाने की प्रेरणा दी। राजनैतिक अस्थिरता, देश विभाजन, युद्ध एवम् दुर्भिक्ष ने उनके मानसपटल पर गहरी छाप छोड़ी जो दशकों तक विभिन्न रूपों में उनके कलाकर्मों में दिखाई पड़ती है। इन अनुभवों की ठोस दृश्यात्मक अभिव्यक्ति ने ही सोमनाथ होर को तकनीकी प्रयोगोें के लिए उकसाया, प्रिंटमेकिंग एंव मूर्तिशिल्प जैसे विरोधाभासी आयामों में काम का प्रदर्शन निश्चित ही सोचने योग्य है। मूर्तिशिल्पों की प्रेरणा के लिए प्रिटमेकिंग (लोरिलीफ पेपर पल्प प्रिंट) ही आपका माध्यम बना जिसमें टेक्टाइल गुण देखने को मिलता है। परम्परागत तौर तरिकों को त्यागकर किये गये ये प्रयोग सिर्फ मूर्तिशिल्प में माध्यम की जटिलता की वजह से ही नहीं बल्कि विषयों की चरम अभिव्यक्ति को ध्यान रख कर भी किये गये। सोमनाथ होर की सम्पूर्ण कला यात्रा प्रयोगों का अटूट-अनुबन्ध है जो तमाम रास्ते खत्म हो जाने के बाद भी, सम्भावनाओं के नये दरवाजे खोलती हैं। जहाँ विषयों का बार-बार दोहराव भी बेहद उद्देश्यात्मक है। इस प्रकार सोमनाथ होर के मूर्तिशिल्प समकालीन कला जगत में तकनीकों के आधुनिक प्रयोगों का दर्पण है, जिससे आगे आने वाली पीढ़ी प्रेरणा लेती रहेंगी।
Keywords जीवन यात्रा, मूर्तिशिल्प, प्रिटमेकिंग, साक्षात्कार
Field Arts > Drawing
Published In Volume 5, Issue 4, July-August 2023
Published On 2023-07-20
Cite This सोमनाथ होर (1921-2006) की जीवन यात्रा का सारांश एंव ‘आन्नदरूप घोष‘ द्वारा साक्षात्कार का संपूर्ण विवरण - Mithun Kumar Dutta - IJFMR Volume 5, Issue 4, July-August 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i04.4427
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i04.4427
Short DOI https://doi.org/gshm87

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