International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 7, Issue 2 (March-April 2025) Submit your research before last 3 days of April to publish your research paper in the issue of March-April.

राजस्थान में आदिवासी समुदाय का जीवन परिचय

Author(s) RAVINDRA SINGH BHATI
Country India
Abstract भारत की भांति राजस्थान भी प्राचीन काल से ही विभिन्न जनजातियों का आश्रय स्थल रही है। यहाँ पर पायी जाने वाली जनजातियों में भील, मीणा, गरासिया, सहरिया, डामोर, कथौड़ी, सांसी प्रमुख है। ये सभी जनजातियाँ उपयोजना के अन्तर्गत आती है जो विभिन्न प्रकार की आन्तरिक व बाह्य समस्याओं से जकड़े हुए है जैसे ऋणग्रस्तता, गरीबी, बेरोजगारी प्रमुख समस्या है साथ ही अन्य सामाजिक समस्याएँ भी है पर अनेक सरकारी योजनाएँ व समाज सेवी संस्थाएँ है ताकि समस्या का निवारण हो सकें। प्रस्तुत शोध इसी विषय पर राजस्थान के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है।
राजस्थान में कुछ ऐसे समूह है जो अन्य समाजों से प्रारम्भ से ही दूर रहे है। वर्तमान में भी बड़ी संख्या में समाज से कटे ये लोग जंगलों व पहाड़ों में निवास करते है जिन्हें प्राचीन साहित्य में अनेक शब्दों से अभिहित किया गया है जैसे अनासा, अकर्मन, अयज्वन्, अब्रह्मन व आधुनिक भाषा में इन्हें जनजाति आदिवासी या ट्राइबल कहा जाता है। जनजातियों के लोग एक विशेष क्षेत्र में रहकर समान भाषा एवं सामान्य संस्कृति का अनुसरण करते है।
Keywords जनजातियाँ, अस्पृश्यता, गरीबी, सांस्कृतिक अलगाव, बेरोजगारी, अशिक्षा, सरकारी योजनाएँ
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 4, July-August 2023
Published On 2023-08-20

Share this