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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में लैंगिक समानता: तीन तलाक प्रथा का विश्लेषण

Author(s) Akash Deep
Country India
Abstract विश्व के लगभग हर समाज में लैंगिक असमानता मौजूद है। प्राचीन काल से लेकर आज तक महिलाओं को निर्णय लेने, उन्हें आर्थिक इकाई के रूप में स्वीकार करने और सामाजिक संसाधनों तक उनकी पहुँच से उन्हें वंचित रखने में कुप्रथा का एक लम्बा इतिहास रहा है। भारतीय समाज में मुस्लिम वर्ग में धार्मिक प्रवृत्तियों से हो रहे विवाह (निकाल), बहुविवाह, शरीयत एवं तलाक आदि हैं, मुस्लिम समाज में प्रचलित ‘‘तीन तलाक’’ की प्रथा पत्नी को एक बार में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर पत्नि से सम्बन्ध खत्म करने का अधिकार, मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन निकाह के रूप में, शिक्षा से वंचित करके, पर्दा प्रथा अपनाने के लिए बाध्य करने आदि न जाने कितने आधारों पर किया जाता है। इस प्रकार के शोषण का मुख्य कारण धर्म का सही और पूरा ज्ञान न होना, शरीयत कानून के नियम का गलत प्रयोग, अन्धविश्वास एवं रूढ़िवादी होगा एवं अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक विवाद के साथ ही विवाह को कानूनी रूप प्रदान न किया जाना है। भारत में वर्षों से ‘‘तीन तलाक’’ की कुप्रथा से मुस्लिम महिलायें पीड़ित होती रही हैं लेकिन एक लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिल ही गया। सन् 1970 और 1980 के दशक में शाहबानों ने एक लम्बा संघर्ष किया सन् 1985 में संसद ने शाहबानों केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था। मोदी सरकार ने उसी ‘‘राजीव गांधी सरकार’’ की भूल को सुधारा है, इसी के साथ ही भारत एक नवयुग में प्रवेश कर गया। मुस्लिम महिलायें अब इस कुप्रथा से मुक्त हो गई हैं। ये कहीं न कहीं सच्चाई की जीत और वोट बैंक की हार है। इसी के साथ मोदी सरकार ने चुनाव के दौरान किये गये अपने सबसे प्रमुख वादे को पूरा किया। आज देशभर की करोड़ो मुस्लिम महिलायें खुशी में झूम रही हैं, उन्हें ‘‘तीन तलाक’’ की बेडियों से आजादी मिल ही गयी है। प्रस्तुत लेख पूर्णतया प्राथमिक एवं द्वितीय प्रकार की सूचनाओं पर आधारित रहेगा जैसे- इस्लामिक पुस्तक, भारतीय संविधान, समाचार-पत्र, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (भारत सरकार) की वेबसाइट इत्यादि का प्रयोग किया जायेगा।
Keywords महिला, समानता, लैंगिक, तीन तलाक, भारतीय संविधान
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 4, July-August 2023
Published On 2023-08-27
Cite This भारत में लैंगिक समानता: तीन तलाक प्रथा का विश्लेषण - Akash Deep - IJFMR Volume 5, Issue 4, July-August 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i04.5802
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i04.5802
Short DOI https://doi.org/gsnrh2

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