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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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शिक्षा में राजनैतिक हस्तक्षेप के प्रभाव का अध्ययन

Author(s) विभाकर उपमन्यु
Country India
Abstract शिक्षा और राजनीति के बीच एक जोड़ने वाला सेतु  है। शिक्षा ज्ञान का सबसे निकटतम सहयोगी हो सकता है। शिक्षा की प्राथमिक भूमिका एक छात्र के पढ़ने, समझ और समझ में सुधार के माध्यम से शिक्षित करना ही  है। कभी पेड़ों के नीचे जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते छात्र, कभी तख्ती पर इमला लिखते छात्र और कभी अपने हाथों पर अध्यापकों से डंडे खाते छात्र, शिक्षा की पवित्रता, गुणवत्ता और महत्ता  को दर्शाते थे। तब बैठने को सुविधाजनक डेस्क न सही, स्मार्ट क्लासरूम न सही, पर शिक्षा सौ फीसदी खरी थी। तब विद्यालय से निकलने वाला छात्र सोने की तरह तप कर खरा निकलता था। छात्र-शिक्षक का रिश्ता मर्यादा और अपनेपन की आभास लिए एक सुखद एहसास करवाता था। वक्त ने सब बदल दिया। आज की शिक्षा वह शिक्षा नहीं है, जो संस्कृति और सभ्यता को साथ लेकर चलती थी। किसी भी लोकतांत्रिक देश में शिक्षा, राजनीति से अलग नहीं हो सकता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि शिक्षा का राजनीति से गहरा संबंध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले देश के शीर्ष नेताओं, गांधी, टैगोर, जाकिर हुसैन जैसी शख्सियत, शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर बोलते थे, लिखते थे और संस्थानों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाते थे। यह भारत का दुर्भाग्य रहा की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद चोटी के नेताओं ने शिक्षा के मुद्दों से एक दूरी बना ली। शिक्षा को १९ वीं सदी में ही छोड़कर, हम २१ वीं सदी में आ गए। अब शिक्षा राजनीति करने का मंच और माध्यम बन गई है। शिक्षा का मतलब एक डिग्री हासिल कर कोई छोटी-मोटी नौकरी करने तक ही सीमित नहीं है और शिक्षण संस्थान राजनीति के गढ़ बन गए हैं। राजनीति और शिक्षा दो ऐसे क्षेत्र हैं जो सीखने पर केंद्रित समान विषयों पर निर्भर करते हैं। इसका तथ्य यह है कि हर शिक्षक कभी छात्र था, हर नेता कभी प्रशिक्षु नेता  था। हालाँकि, एक बात स्थिर रहती है, ज्ञान सर्वोपरि है। इन घटनाओं को यह बताने के लिए आवश्यक उदाहरण होना चाहिए कि राजनीति और शिक्षा में हमेशा एक सहजीवी बंधन रहेगा।
Keywords शिक्षा, राजनीति, सम्बन्ध, हस्तक्षेप, प्रगति एवं दुर्दशा, प्रभाव
Field Sociology > Education
Published In Volume 4, Issue 4, July-August 2022
Published On 2022-07-31
Cite This शिक्षा में राजनैतिक हस्तक्षेप के प्रभाव का अध्ययन - विभाकर उपमन्यु - IJFMR Volume 4, Issue 4, July-August 2022. DOI 10.36948/ijfmr.2022.v04i04.015
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2022.v04i04.015
Short DOI https://doi.org/10/gqpmkn

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