International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 6 Issue 6 November-December 2024 Submit your research before last 3 days of December to publish your research paper in the issue of November-December.

महाकवि कालिदास का प्रतिभा विचार

Author(s) BUDDHILAL V. RATHAVA
Country India
Abstract कवि के लिए काव्य का प्रधान साधन ‘प्रतिभा’ है। आचार्य भामह की सम्मति में शास्त्र और काव्य का अध्ययन करने वालों में यही अन्तर होता है कि जड़ बुद्धि वाला मनुष्य भी गुरु के उपदेश से शास्त्र को अच्छी तरह पढ़, समज सकता है। किन्तु काव्य की स्फूर्ति उसी व्यक्ति में होती है जो प्रतिभा से सम्पन्न हो। प्रतिभा को मूल हेतु के रूप में स्वीकृति देते हुए कहते हैं - काव्यं तु जायते जातु कस्यचित् प्रतिभावतः।
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 5, September-October 2023
Published On 2023-10-02
Cite This महाकवि कालिदास का प्रतिभा विचार - BUDDHILAL V. RATHAVA - IJFMR Volume 5, Issue 5, September-October 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7069
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7069
Short DOI https://doi.org/gstc7j

Share this