International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 6 Issue 6 November-December 2024 Submit your research before last 3 days of December to publish your research paper in the issue of November-December.

भारत में सेवा क्षेत्र और इसके भविष्य की संभावनाएं एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author(s) महेंद्र कुमार खारडिया
Country India
Abstract सारांश (Abstract)
हाल ही के वर्षों में देश के अंदर इस बात पर बहस होती रही है कि कौन सा प्रक्षेत्र वृद्धि प्रक्रिया का नेतृत्व कर सकता है। इस बहस के पीछे यह तथ्य रहा है कि वर्ष 2001-2012 के दशक में सेवा क्षेत्र ने देश की सकल घरेलू आय (जीडीपी) में 62% का योगदान दिया था। अब इस बहस का आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 में एक तरह से हल प्रदान किया है जिसमें कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र ही वृद्धि का नेतृत्व कर सकता है। सर्वेक्षण में कतिपय अनुभाविक अध्ययन का हवाला देते हुए सेवा क्षेत्र को निर्माण क्षेत्र से जोड़ने की बात कही गई जिससे अनेक वास्तविक मुद्दों का समाधान हो सकता हैं। अपने सेवा क्षेत्र के आकार और गतिशीलता के लिए भारत अग्रणी है भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान कई गुना रहा है सकल घरेलू उत्पाद में इसका हिस्सा 55.2% है और लगातार 10% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है कुल रोजगार में लगभग एक चौथाई का योगदान दे रहा है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इनफ्लो में काफी अच्छा हिस्सा है और कुल निर्यात का लगभग एक तिहाई योगदान सेवा क्षेत्र का है। इस शोध पत्र में भारत में सेवा क्षेत्र के बारे में विस्तृत अध्ययन करके इसके भविष्य के बारे में अध्ययन करने का प्रयास किया गया है ताकि रोजगार के लिए सेवा क्षेत्र कितना कारगर है ।
Keywords सेवा क्षेत्र, भारतीय अर्थव्यवस्था, रोजगार, भारत
Field Mathematics > Economy / Commerce
Published In Volume 5, Issue 5, September-October 2023
Published On 2023-10-04
Cite This भारत में सेवा क्षेत्र और इसके भविष्य की संभावनाएं एक विश्लेषणात्मक अध्ययन - महेंद्र कुमार खारडिया - IJFMR Volume 5, Issue 5, September-October 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7106
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7106
Short DOI https://doi.org/gst3vf

Share this