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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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छीपा (जोशी कुटुम्ब) समाज की अनन्य देन: राजस्थानी फड़ (चित्रकला)

Author(s) Anita Nagar
Country India
Abstract भारत वर्ष रंग-बिरंगी संस्कृति का विविधताओं से भरा देश है जिसमें राजस्थान के तीज त्यौहार व परम्परायें अपना अलग विशिष्ट स्थान रखती है। जो विभिन्न ऋतुओं एवं स्थान विशेष के अनुकूल देखने को मिलती है। ये छवि राजस्थान की कलाओं को विश्व में अलग स्थान दिलाती है। आज के इस मशीन आधुनिकीकरण की दुनिया में भी राजस्थानी फड़ चित्रकला को विश्व विख्यात दर्जा प्राप्त है। जो शाहपुरा जिले में जन्मी व यहीं फलीभूत होकर विश्व में फैली। इसे फैलाने व ख्याति दिलाने का दर्जा छीपा समाज (जोशी परिवार) को दिया जाता है। इस शोध पत्र का उद्देश्य राजस्थान में फड़ चित्रण का अध्ययन करना, फड़ बनाने में छीपा समाज व फड़ निर्माण की विधि को जानकारी प्राप्त करना है एवं फड़ धात्री परिवार से प्रश्नोत्तरी, साक्षात्कार के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जिन्होंने फड़ चित्रण कला को नए-नए आयाम देकर जीवंत रखा। राज्य सरकार व भारत सरकार से फड़ कला को आर्थिक, वित्तीय सहायता प्राप्त कर संरक्षण दिलवाना व राष्ट्रीय पहचान दिलवाना है।
फड़ चित्रकला कपड़े पर प्राकृतिक रंगों से बनी पेंटिंग है जिसमें देवताओं, लोकनायकों के जीवन चरित का वर्णन लयबद्ध तरीके से भोपाओं द्वारा बांचा जाता है।
Keywords फड़ चित्रकारी, लोककला, छीपा जोशी कुटुम्ब, भोपा-भोपी, वाद्ययंत्र, बांचना, जी-20 समिट।
Field Arts > Drawing
Published In Volume 5, Issue 5, September-October 2023
Published On 2023-10-11
Cite This छीपा (जोशी कुटुम्ब) समाज की अनन्य देन: राजस्थानी फड़ (चित्रकला) - Anita Nagar - IJFMR Volume 5, Issue 5, September-October 2023. DOI 10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7238
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2023.v05i05.7238
Short DOI https://doi.org/gsv6kn

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