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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा: एक समीक्षात्मक अध्ययन

Author(s) Dr. Jyoti Gupta
Country india
Abstract आज यह अनुमान लगाया जाता है कि हर साल 6 मिलियन महिलाए गायब होती है इनमें से 23 प्रतिषत कभी पैदा नही होती, और 10 प्रतिषत गायब है प्रारंभिक बचपन मे प्रजनन के वर्षों मे 21 प्रतिषत, और 60 वर्ष से अधिक आयु के 38 प्रतिषत प्रत्यय लापता महिलओं के अलावा कई और महिलाऐं है जो शिक्षा, नौकरी या राजनीतिक जिम्मेदारी प्राप्त करने मे विफल रहती है, महिलाओ के सापेक्ष अभाव और पिछले 20 वर्षो मे जिस हद तक सुधार हुआ है, दोनो ही कई क्षैत्रों मे स्पष्ट है। निम्न और मध्यम आय वाले देषो मे शिक्षा की पहुँच मे माध्यमिक विधालय मे लड़कियों के लिए नामांकन 2010 मे 34 प्रतिषत थी, जबकि लड़को के लिए ये 41 प्रतिषत थी। इस बीच प्राथमिक विधालय मे नामांकन लड़को और लड़कियो दोनो के लिए लगभग सार्वभौमिक हो गया है।
महिला सषक्तिकरण स्वयं विस्तृत करता है कि सामाजिक अधिकार, राजनीतिक अधिकार, एर्गोनामिक स्थिरता, ताकत और अन्य सभी अधिकार दानो लिंग के लिए समान होने चाहिए। भारत के सबसे महान सपुतों मे से एक स्वामी विवेकानंद ने कहा कि पुरूष और महिला के बीच कोई भेद-भाव नही होना चाहिए, श्दुनिया के कल्याण का कोई मौका नही है जब तक कि महिलाओं की स्थिति मे सुधार नही होता है, एक पक्षी के लिए यह सम्भव नही है कि वो केवल एक पंख पर उड़े। भारत को विषाल महिला शक्ति को एक प्रभावी मानव संसाधन मे बदलने की जरूरत है और यह केवल सषक्तिकरण या महिलाओं के माध्यम से ही संभव है भारत सरकार महिला सषक्तिकरण के लिए राज्य और केन्द्र दोनो स्तरो पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। सभी राजनीतिक और कार्यक्रम विभिन्न आयु समुह में महिलाओं के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक सषक्तिकरण पर केन्द्रित है।
श्रम बाजार के अवसरो मे महिलओ के काम करने की संभावना कम होती है, व समान काम के लिए पुरूषों की तुलना मे कम कमाती है, और जब वे काम करती है तो उनके गरीबी मे रहने की सम्भावना अधिक होती है। महिलाएं घर के कामकाज पर लगभग दोगुना समय, बच्चो की देखभाल पर लगभग 5 गुना अधिक समय और पुरूषों की तुलना मे बाजार के काम पर लगभग आधा समय बिताती है। राजनीतिक प्रतिनिधित्व में महिलाओं ने जुलाई 2011 मे संसद के नीचले और ऊपरी सदनों के सदस्यों का सिर्फ 19.4 प्रतिषत हिस्सा बनाया। कानुनी अधिकारो में, कई देषों मे महिलाओं को अभी भी जमीन के मालिक होने, सम्पति का प्रबंधन करने, व्यवसाय करने या अपने पति के बिना यात्रा करने की स्वतंत्र अधिकारों का अभाव है। अनुमति।
अर्थव्यवस्थाओं के विकास और महिला सषक्तिकरण के बीच एक द्विदिष संबध है, जिसे विषेष रूप से स्वास्थ्य, षिक्षा अर्जन के अवसर अधिकारो और राजनीतिक भागीदारी मे गटक या विकास तक पहुंचने के लिए महिलाओं की क्षमता मे सुधार के रूप मे परिभाषित किया गया है। एक दिषा मे, अकेले विकास पुरूषों और महिलाओ के बीच असमानताओं को कम करने मे एक प्रमुख भुमिका निभा सकता है, दुसरी दिषा मे महिलाओ के खिलाफ भेदभाद जारी रहता है जैसा कि सेन ने जोरदार तर्क किया है और विकास को बादित कर सकता है, दुसरे शब्दो मे सषक्तिकरण विकास को गति दे सकता है।
Keywords शैक्षिक सषक्तिकरण, आर्थिक सषक्तिकरण, राजनीतिक सषक्तिकरण, भागीदारी।
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 6, November-December 2023
Published On 2023-11-11
Cite This भारत में महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा: एक समीक्षात्मक अध्ययन - Dr. Jyoti Gupta - IJFMR Volume 5, Issue 6, November-December 2023.

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