International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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अमृता शेरगिल के चित्रों में विषय-वस्तु

Author(s) डॉ. अनुराधा आर्य
Country India
Abstract भारतीय कला जगत में प्रथम आधुनिक महिला चित्रकार के रूप में विख्यात भारतीय पिता और हंगेरियन माता की बेटी अमृता शेरगिल की कला शिक्षा यद्यपि पेरिस में हुई, परंतु भारत के ग्रामीण परिदृश्य ने उनकी कला विषय-वस्तु में एक विशेष परिवर्तन ला दिया। चूंकि संवेदनशील कलाकार भी एक सामाजिक प्राणी है और समाज व पारिवार की विविध परिस्थितियों के संघर्ष का उसकी रचनाओं पर प्रभाव न पड़ना असंभव है। अपने जीवन काल में अमृता ने पेरिस, हंगरी, भारत आदि देशों की संस्कृतियों तथा वातावरण से साक्षात्कार कर प्राप्त अनुभूतियों को अपनी कलाकृतियों में उतारा।

स्वाभिमानी और अहंवादी अमृता के मन-मस्तिष्क में अनगिनत विस्मयकारी कल्पनाओं, प्रतीकों और विषयों का संग्रह था, जिसके परिणामस्वरूप ही उनकी तूलिका से व्यक्ति-चित्र, आत्म-चित्र, दृश्य-चित्र, नग्न-चित्र, वस्तु-चित्र, पशु-चित्र तथा दैनिक जीवन के चित्र की श्रंखलाऐं रूपायित हो उठीं। अतः सत्य विदित है कि कलाकार के लिए उसका वातावरण, उसके आचार- विचार और तत्कालीन सम्पूर्ण प्रवृत्तियाँ उसकी प्रेरणा के स्त्रोत होती हैं। उसकी कलाकृति में उससे पूर्व के समस्त युग की अभिव्यक्ति परिलक्षित होती है। प्रस्तुत शोध पत्र में अमृता शेरगिल द्वारा चित्रित विविध विषय-वस्तुओं पर प्रकाश डाला गया है।
Keywords विषय-वस्तु, अनुभूतियाँ, परिदृश्य, प्रत्याघात, अभिव्यक्ति
Field Arts > Drawing
Published In Volume 1, Issue 3, November-December 2019
Published On 2019-12-30
Cite This अमृता शेरगिल के चित्रों में विषय-वस्तु - डॉ. अनुराधा आर्य - IJFMR Volume 1, Issue 3, November-December 2019. DOI 10.36948/ijfmr.2019.v01i03.848
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2019.v01i03.848
Short DOI https://doi.org/

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