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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारत में कानून - महिला सशक्तिकरण एवं अधिकार

Author(s) Deepak Kumar Mehra
Country India
Abstract डॉ० अम्बेडकर ने कहा है कि ‘‘भारतीय नारी श्रम से नहीं घबराती, किन्तु आँसुओं की चिंता करते हुए वह रोटी, असमान व्यवहार, अपमान, शोषण से अवश्य डरती है।’’2 नोबेल पुरस्कार विजेता एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो० अमर्त्यसेन ने लिखा है कि महिला सशक्तिकरण से न केवल महिलाओं के जीवन में निश्चित रूप से सकारात्मक असर पड़ेगा, बल्कि पुरुषों और बच्चों को भी इससे लाभ होगा वर्तमान दौर महिला सशक्तिकरण का दौर है आज महिलाएं आँगन से लेकर अंतरिक्ष तक पहुंच गयी है लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की हालत दयनीय बनी हुई है। इसलिये महिलाओं को समाज में और अधिक सशक्त बनाने के लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (1948), हिन्दू विवाह अधिनियम (1955) और दहेज निषेध अधिनियम (1961) जैसे कानून बनाये हैं। राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वर्ष 2001 को महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया था और महिलाओं को स्वशक्ति प्रदान करने की राष्ट्रीय नीति अपनाई थी। महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, कानूनी और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। अगर इतने कानूनों का सचमुच पालन होता तो भारत में महिलाओं के साथ भेदभाव और अत्याचार अब तक खत्म हो जाना था लेकिन पुरुष प्रधान मानसिकता के चलते यह संभव नहीं हो सका है। आज हालत ये है कि किसी भी कानून का पूरी तरह से पालन होने के स्थान पर बहुत सारे कानूनों का बहुत कम पालन हो रहा है लेकिन भारत में महिलाओं की रक्षा हेतु कानूनों की कमी नहीं है। भारतीय संविधान के कई प्रावधान विशेषकर महिलाओं के लिए बनाये गये है। इस बात की जानकारी महिलाओं को अवश्य होनी चाहिये। महिला सशक्तिकरण के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी आवश्यकता उनको अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सजग होने की है। यदि कोई महिला अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सजग और आत्म निर्भर है तो उसका आत्मसम्मान अवश्य ऊँचा होगा और ये देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
Keywords महिला सशक्तिकरण अधिनियम अधिकार आत्मसम्मान, संविधान, दहेज निषेध, घरेलू हिंसा
Field Arts
Published In Volume 4, Issue 5, September-October 2022
Published On 2022-10-30
Cite This भारत में कानून - महिला सशक्तिकरण एवं अधिकार - Deepak Kumar Mehra - IJFMR Volume 4, Issue 5, September-October 2022.

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