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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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ग्रामीण भारत में कौशल विकास कार्यक्रम: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण

Author(s) डॉ. आशुतोष व्यास, राधेश्याम गमेती
Country India
Abstract कौशल विकास एवं उद्यमशीलता से सम्बन्धित प्रयास अब तक हमारे देश में बिखरे हुए रहे हैं। विकसीत देशों में जहां कुशल कार्यबल का प्रतिशत कुल जनसंख्या का 60 से 90 प्रतिशत के बीच हैं। इसके विपरीत भारत के कार्यबल का स्तर औपचारिक व्यावसायिक शिक्षा के साथ 4.69 प्रतिशत के निचले स्तर पर हैं। आज भारत में बेरोजगार लोंगों के जीवन की बेहतर गुणवता के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता संवर्धन के परिस्थतिकी तंत्र को तेजी से पुर्नगठित करने की आवश्यकता हैं ,जो उद्योगों की आवश्यकता को पूरा करने के साथ-साथ देश के लोगों के जीवन की गुणवता को समर्थ बनाने में अपना योगदान दे।
कौशल एवं ज्ञान किसी भी देश के लिए आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास की प्रेरक शक्तियां हैं। कौशल का उच्च-स्तर और बेहतर मानक वाले देश घरेलू एवं अतंराष्ट्ीय रोजगार बाजार में चुनौतियां और अवसरों का अधिक प्रभावशाली ढंग से समायोजित करते हैं। स्वतं़न्त्रता के 68 वर्ष पश्चात् भारत में पहली बार कौशल को रोजगारपरक बनाने की कोशिश हुइर्, और इसके परिणामस्वरूप कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंन्त्रालय का गठन हुआ, ताकि भारत में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाए तथा गरीबी अशिक्षा आतंकवाद जैसी-समस्यांओं का सफलतापूर्वक निदान किया जाए। भारत की 75 पतिशत जनसंख्या गावों में निवास करती है और ग्रामीण जनता ज्यादातर कृषि-आधारित व्यवसायों पर निर्भर रहती हैं। असली भारत आज भी ग्रामीण परिवेश में कृषि एवं पशुपालन जैसे परम्परागत कार्यों में संलग्न हैं। और गरीबी अशिक्षा से लगातार संघर्ष करते हुए राष्ट्र के निर्माण में मानव संसाधन के रूप में योगदान कर रहें हैं। आज विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा करना है तो इन गावों में रहने वाली जनसंख्या को मुलभूत सुविधाएं प्रदान करने इनका सही मार्गदर्शन करना होगा. वर्तमान में भारत की 35 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या, कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत है, ये युवा भारत का सपना साकार करने का यह सही वक्त हैं। इनका उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए करने हेतु कौशल भारत-कुशल भारत योजना की शुरूआत भारत सरकार ने विश्व कौशल 15 जुलाई 2015 को एक मिशन के रूप में की । भारत सरकार का लक्ष्य इस मिशन के द्वारा 2022 तक बेरोजगार युवाओं का रूचि अनुसार कौशल विकास करके रोजगारपरक बनाना था।
Keywords ग्रामीण, कौशल विकास
Published In Volume 4, Issue 3, May-June 2022
Published On 2022-06-26
Cite This ग्रामीण भारत में कौशल विकास कार्यक्रम: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण - डॉ. आशुतोष व्यास, राधेश्याम गमेती - IJFMR Volume 4, Issue 3, May-June 2022.

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